Friday, October 28, 2022

सर्वेश्वेर (new age krishna) 3

 सर्वेश्वर (new age krishna) 3


अर्जुन की पत्नी द्रौपदी अपना खुद का business चलाती है। वह एक बोहोत ही focused, indipendent और होशियार लडकी है।

सुभद्रा और अर्जुन का डिव्होर्स होगया है। उसके बाद अर्जुनने द्रौपदी के साथ शादी कर ली है। इसलीये कुंती को द्रौपदी से शिकायत है।

रुक्मिणी जब यशोदा से मिलने गयी होती है तब मोहन की तबीयत खराब होती है। तो वह घर आते है। उसी शाम को सुभद्रा का एक बडे फॅशन शो का निमंत्रण होता है। द्रौपदी की एक बोहोत ही importent confarance होती है। इसी confarance के सिलसिलेंमे द्रौपदी को मोहन से कूच discuss करना होता है। वह घर आती है तो देखती है के मोहन की तबीयत ठीक नही है। वह अपना कॉन्फरन्स जाना कॅन्सल करती है और मोहन के साथ रुक जाती है। मोहन की तबीयत ठीक नही ये मालूम होते हुवे भी सुभद्रा शो देखनेके लिये जाती है।

कुंती कुंतीभोज नाम के एक बडे business man की बेटी होती है। सूरज एक साधारण घर का लडका होता है। जो कुंती को सिखाने घर आया करता है। उसे सूरज से प्यार हो जाता है। यह प्यार सच्चा होता है। लेकिन कुंती शादी के पेहेले ही प्रेग्नेंट हो जाती है। कुंती की माँ नही है। केवल पिता है। लेकिन कुंती को बचपन से एक धात्री नाम के दाई ने संभाला है। धात्री को पता चलता है के कुंती प्रेग्नेंट है। धात्री यह बात कुंती के पिता को नही बताती। लेकिन बोलती है के कुंती को पढाई करने शहर जाना चाहीये। कुंती के पिता ये बात मान लेते है और धात्री के साथ कुंती को भेज देते है। कुंती जाने से इन्कार करती है तब धात्री उसे बोलती है के अगर कुंती का प्रेग्नेंट होना उसके पिता को पता चलेगा तो वह heart अटॅक से मर जाएंगे। कुंती ये बात सूनकर घाबरा जाती है और धात्री के साथ शहर जाती है। वहा कुंती पढाई करती है और कर्ण को जन्म देती है। धात्री उसे force करती है के वह कर्ण को अनाथालय मे दे। फिर धात्री कुंतीभोज को बोलती है के कुंती की पढाई पुरी होने को है तो उसकी शादी करावा दो। कुंती को शादी नही करनी होती; लेकिन शादी न करने का कारण वह अपने पिता को बोल नही सकती। इसलीये फिर शादी कर लेती है। अर्जुन के जन्म के बाद उसके पती पांडू मर जाते है और कुंती business और बेटा दोनो संभालने लगती है।


कुंतीने जो business खडा किया है वही अर्जुन चला राहा है। कुंती भी अभी भी ऑफिस जाती है। कर्ण इन सभी की तुलना मे नया और छोटा business man है। किसीं पार्टी मे इसी बात पर अर्जुनने उसका अपमान किया होता है। तब कुंती कूच भी नही बोलती। अर्जुन का business ठीक से चल नही राहा होता। तो वह चाहता है के द्रौपदी उसे fainance की मदत करे। लेकिन द्रौपदी इस बात को इन्कार करती है। मोहन और द्रौपदी दोनोकी अच्छी दोस्ती है। तो मोहन द्रौपदी को समझाएगा इस आशा से कुंती और अर्जुन मोहन को मिलने आए है। मोहन अर्जुन को बँक लोन लेनेकीं सलाह देता है। लेकिन बँक लोन की रिस्क अर्जुन लेना नही चाहता। मोहन को ये बात गलत लगती है।

द्रौपदी और कर्ण एक ही business मे होते है। दोनो एक ही काम का टेंडर भरते है। जब कॉन्ट्रॅक्ट मिलने की बारी आती है तब द्रौपदी खुद फायनान्स assurance देती है। जब की कर्ण बँक गॅरंटी देता है। द्रौपदी ये बोलकर कॉन्ट्रॅक्ट लेती है के बँक गॅरंटी से उसका खुद financially sound होना ज्यादा मायने रखता है। उसकी यह agrument accept किया जाता है और कर्ण के हाथ से contract जाता है। कर्ण की दोस्ती एक पार्टी मे दुर्योधन से होती है। दुर्योधन बोहोत ही पैसेवाला होता है। दुर्योधन, द्रौपदी, अर्जुन, सुभद्रा, मोहन, रुक्मिणी यह सभी एक ही कॉलेज मे पढे है। दुर्योधन को द्रौपदी अच्छी लगती होती है। लेकिन द्रौपदी कभी उससे बात नही करती। सुभद्रा और अर्जुन के डिव्होर्स के बाद द्रौपदी और अर्जुन शादी कर लेते है। ये बात दुर्योधन को रास नही आती। जब दुर्योधन को पता चलता है के द्रौपदीने जो कॉन्ट्रॅक्ट हासिल किया है उसकेलीये कर्णने भी applay किया था; तो दुर्योधन कर्ण के मन मे द्रौपदी के लिये ईर्षा पैदा करता है।

दुर्योधन कर्ण की मदत से द्रौपदी को सताने लगता है। यह बात जब मोहन को पता चलती है तब मोहन कर्ण से दोस्ती कर लेता है और उसे बताता है के बडे घर की बेटी होते हुवे और शादी भी बडे घर मे की है; फिर भी वह किस तरह खुद busienss चलाती है। यह सूनकर कर्ण के मन मे द्रौपदी के लिये respect जाग जाता है। उसके बाद वह दुर्योधन की बात सुनता है लेकिन हर बार उसपे अंमल नही करता।

दुर्योधन के मामाजी शकुनी दुर्योधन के साथ ही रेहेते है। उन्हे ये मालूम है के दुर्योधन को द्रौपदी अच्छी लगती थी। इसलीये जब दुर्योधन कर्ण को द्रौपदी के काम मे प्रॉब्लेम खडा करने केहेता है और कर्ण ऐसा नही करता तो मामाजी दुर्योधन से ये बात बोलते है और कर्ण को द्रौपदी के काम मे प्रॉब्लेम करने केलीये force करते है। शकुनी मामा और उनकी बेहेन गांधारी बोहोत गरीब होते है। द्रुतराष्ट्र एक बोहोत अमीर business man होते है। एकबार वह किसीं hill station गये होते है। वहा वह गांधारी को देखते है और उनमे प्यार हो जाता है। द्रुतराष्ट्र गांधारी से शादी कर लेते है लेकिन उसे शहर लाकर पत्नी की तरह नही रखते। गांधारी दुर्योधन को जन्म देते ही मर जाती है। तब शकुनी मामा दुर्योधन को लेकर शहर द्रुतराष्ट्र के पास आते है। द्रुतराष्ट्र दुर्योधन को अपना बेटा स्वीकार तो करते है लेकिन उनके पास दुर्योधन के लिये वक्त नही होता। तो वह शकुनी मामा को रोक लेते है और दुर्योधन को संभालने की जिमदारी उन्हे देते है। शकुनी मामा धृतराष्ट्र से घुस्सा है के उनोन्हे गांधारी का स्वीकार नही किया। इसलीये वह मन ही मन तंय करते है के वह दुर्योधन को धृतराष्ट्र के खिलाफ कर देंगे और द्रुतराष्ट्र को उनके बुढापे दुर्योधन से दूर करेंगे। इसलीये वह हरवक्त दुर्योधन को अपने ही पिता के खिलाफ भी भडकाते रेहेते है।

मोहन थोडे डिस्टर्ब मन से घर आते है तो वहा उनकी बुवा कुंती और कुंती का बेटा अर्जुन आए होते है। वह कुंती को दुसरे रूम मे लेजाकर बोलता है के उसका शादी से पेहेले हुवा बेटा कर्ण; जो खुद एक बडा business man है; उसे अर्जुन की मदत करने कुंतीने केहेना चाहीये। कुंती कर्ण को जाकर मिलती है। लेकिन कर्ण इन्कार कर देता है। कुंती ऑफिस आकर ये बात मोहन को बोलती है। कर्ण और मोहन अच्छे दोस्त होते है। मोहन कर्ण से बात करनेके लिये फोन करता है। लेकिन कर्ण मोहन का फोन नही उठाता। कुंती बोहोत दुखी होकर वहा से निकल जाती है।

मोहन की बेहेन सुभद्रा का बेटा अभिमन्यू मोहन की मदत से अपनी माँ से झगडकर पढाई के लिये london गया है। सुभद्रा को लगता है के मोहन के कारण ही अभिमन्यू उससे दूर होगया है। तो वह मोहन से बात करना बंद करदेती है। इसलीये वह मोहन जब घर न हो तो रुक्मिणी से आकर मिलती है और मोहन के आने के पेहेले ही चली जाती है। एकदिन जब मोहन घर आते है तो उसे रुक्मिणी बोलती है के सुभद्रा आयी थी। ये बात सूनकर मोहन दुखी होते है और अपने रूम मे जाते है। रुक्मिणी उन्हे disturb नही करती।


क्रमशः 

No comments:

Post a Comment