प्रेमरस गीत
तुम ना जानो...
काहे ना जानो...
प्रीत क्यों लगी तुमसंग प्यारे..
मगन भये तुम अपने ही मन में..
हम प्यासे मोहन तेरी लगन मे..
एक नजर ही फेर दो हमपे..
जीवन सफल.. निहाल..
तुम ना जानो..
काहे ना जानो...
प्रीत क्यों लगी तुमसंग प्यारे...
सूद-बुध खोई... दिल जो लगायो..
दिन-रैनन बस् तुम ही समायो...
समझो पिया मोरे जियरा हाल...
कुच तो कहो मोरे प्यारे... लाल...
तुम ना जानो..
काहे ना जानो...
प्रीत क्यों लगी तुमसंग प्यारे..
जानु जानु मै... तुम सबकुच जानो..
ना कहो हमे.. दिल मे बसालो..
अरज करत हम ना कब हारे...
जीतो तुम हम तुमपे वारे..
तुम ना जानो..
काहे ना जानो...
प्रीत क्यों लगी तुमसंग प्यारे...
मोहक !
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